EMI का सही मतलब और इसकी गणना कैसे होती है, इसे समझना आपके लिए ज़रूरी है ताकि आप पहले से ही अपने बजट की प्लानिंग कर सकें और लोन चुकाने में कोई परेशानी न हो।
EMI कैलकुलेटर आपको सही लोन चुनने में कैसे मदद करता है
EMI यानी मासिक किस्त एक ऐसा तरीका है जिससे लोग किसी बड़ी खरीदारी जैसे कार, घर या मोबाइल जैसे उत्पाद को एकमुश्त पैसा दिए बिना आसान मासिक किस्तों में चुका सकते हैं। EMI का सही मतलब और इसकी गणना कैसे होती है, इसे समझना आपके लिए ज़रूरी है ताकि आप पहले से ही अपने बजट की प्लानिंग कर सकें और लोन चुकाने में कोई परेशानी न हो।
EMI एक तय राशि होती है जो हर महीने एक निश्चित तारीख को बैंक या लोन देने वाली संस्था को चुकानी होती है। इसमें दो चीजें शामिल होती हैं – लोन की मूल राशि और उस पर लगने वाला ब्याज। जब आप EMI चुकाते हैं, तो धीरे-धीरे आपकी मूल राशि और ब्याज दोनों खत्म हो जाते हैं। इस तरह, लोन की पूरी रकम समय के साथ चुकाई जाती है और आपको एक साथ बहुत बड़ी रकम देने की जरूरत नहीं पड़ती।
EMI कैलकुलेटर एक ऑनलाइन टूल होता है जो यह बताता है कि आपको हर महीने कितनी EMI चुकानी पड़ेगी। इसमें तीन चीजें डालनी होती हैं – लोन की रकम, ब्याज दर और लोन की अवधि यानी कितने महीनों तक आपको चुकाना है। जैसे ही आप ये डिटेल्स डालते हैं, कैलकुलेटर तुरंत आपको EMI बता देता है, जिससे आप पहले से ही जान सकते हैं कि आपकी जेब पर कितना असर पड़ेगा।
EMI निकालने का फॉर्मूला होता है:
EMI = P × r × (1 + r)^n / [(1 + r)^n – 1]
यहाँ P मतलब मूल लोन राशि, r मतलब मासिक ब्याज दर (सालाना ब्याज दर ÷ 12), और n मतलब कुल महीने।
मान लीजिए किसी ने ₹5,00,000 का लोन लिया है, ब्याज दर 10% सालाना है (यानि 0.0083 मासिक ब्याज), और लोन की अवधि 3 साल (यानि 36 महीने)। इन आंकड़ों के हिसाब से EMI होगी लगभग ₹16,124 प्रतिमाह। इसका मतलब है कि उस व्यक्ति को अगले 3 साल तक हर महीने ₹16,124 चुकाने होंगे।
EMI को मुख्य रूप से चार बातें प्रभावित करती हैं – लोन की राशि जितनी ज्यादा होगी, EMI उतनी ही ज्यादा होगी। ब्याज दर ज्यादा होगी, तो कुल भुगतान भी बढ़ जाएगा। अगर आप लंबी अवधि का लोन लेते हैं, तो EMI कम होती है लेकिन ब्याज ज्यादा देना पड़ता है। कुछ बैंक या फाइनेंस कंपनियाँ प्रीपेमेंट या पार्ट पेमेंट की सुविधा भी देती हैं, जिससे आप जल्दी लोन चुका सकते हैं और EMI घटा सकते हैं।
EMI कैलकुलेटर इस्तेमाल करने के कई फायदे हैं। सबसे पहला फायदा यह है कि इससे तुरंत पता चल जाता है कि हर महीने कितनी रकम देनी होगी। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि क्या आपकी इनकम में वह EMI comfortably फिट हो पाएगी या नहीं।
दूसरा फायदा यह है कि आप अलग-अलग लोन ऑप्शन की तुलना कर सकते हैं। कौन सा बैंक कम ब्याज पर लोन दे रहा है, किसकी EMI आपके लिए आसान है – यह सब एक ही स्क्रीन पर समझ आ जाता है।
तीसरा फायदा यह है कि आप कैलकुलेटर में आंकड़े बदल-बदलकर देख सकते हैं – जैसे अगर आप EMI कम करना चाहते हैं तो अवधि बढ़ा सकते हैं, या ब्याज दर कम होने पर कितना फर्क पड़ेगा ये देख सकते हैं। इससे लोन की प्लानिंग बहुत आसान हो जाती है।
एक और फायदा यह है कि यह आपको जरूरत से ज्यादा लोन लेने से बचाता है। अक्सर लोग बिना सोचे ज्यादा लोन ले लेते हैं और फिर किश्त चुकाने में परेशान हो जाते हैं। EMI कैलकुलेटर से आपको अपनी क्षमता का अंदाजा रहता है और आप उतना ही लोन लेते हैं जितना आराम से चुका सकें।
इसके अलावा, अगर आप भविष्य के लिए कोई बड़ी खरीदारी जैसे घर या पढ़ाई के लिए लोन प्लान कर रहे हैं, तो EMI कैलकुलेटर से आप पहले से ही प्लान कर सकते हैं। मान लीजिए आप सोच रहे हैं कि आपकी सैलरी दो साल बाद बढ़ेगी, तो आप अभी ज्यादा EMI ले सकते हैं और बाद में उसे कम या रीफाइनेंस कर सकते हैं। इस तरह का फाइनेंशियल प्लानिंग EMI कैलकुलेटर से ही मुमकिन होता है।
अंत में यही कह सकते हैं कि EMI का फायदा यही है कि आप बड़ी चीज़ें आसान मासिक किस्तों में खरीद सकते हैं, लेकिन लोन लेने से पहले EMI कैसे बनती है, इसका सही अंदाजा होना ज़रूरी है। EMI कैलकुलेटर का इस्तेमाल करके आप पहले से जान सकते हैं कि आपके लिए कौन-सी EMI सबसे बेहतर है। इससे आप समझदारी से फैसले ले सकते हैं और अपने भविष्य की फाइनेंशियल प्लानिंग बेहतर तरीके से कर सकते हैं।
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