ऑल इंडिया टूर को कवर
कार से ऑल इंडिया टूर – एक सपना, एक सफ़र
प्रस्तावना
भारत विविधताओं से भरा देश है — हर राज्य, हर शहर और हर गांव अपनी अलग कहानी, संस्कृति, स्वाद और सौंदर्य समेटे हुए है। जब बात होती है भारत को गहराई से जानने की, तो सबसे अच्छा तरीका है — सड़क के रास्ते, अपनी कार में घूमना। यह न सिर्फ़ आपको अलग-अलग जगहों तक ले जाता है, बल्कि रास्ते में मिलने वाले अनुभव जीवन भर याद रहते हैं। यह ब्लॉग एक ऐसे ही ऑल इंडिया कार टूर पर आधारित है जिसमें हमने भारत के कोने-कोने को छुआ — हिमालय की चोटियों से लेकर समुद्र के किनारों तक, रेगिस्तान की तपिश से लेकर जंगलों की हरियाली तक।
यात्रा की योजना
1. यात्रा की अवधि और समय
ऑल इंडिया टूर को कवर करने में कम से कम 60 से 90 दिन लग सकते हैं, अगर आप हर राज्य में कम से कम 1-2 दिन रुकना चाहते हैं। हमने यह यात्रा अक्टूबर से दिसंबर तक की, जब मौसम अधिकांश हिस्सों में सुहावना रहता है।
2. रूट प्लानिंग
रूट योजना इस तरह बनाई गई थी कि हम ज़्यादा से ज़्यादा राज्यों को कवर कर सकें, साथ ही रास्ते में गाड़ी को सर्विसिंग के लिए समय-समय पर रोका जा सके।
मुख्य रूट:
दिल्ली → पंजाब → जम्मू-कश्मीर → हिमाचल → उत्तराखंड → उत्तर प्रदेश → बिहार → झारखंड → पश्चिम बंगाल → सिक्किम → असम → नागालैंड → मणिपुर → मिज़ोरम → त्रिपुरा → मेघालय → अरुणाचल → ओडिशा → छत्तीसगढ़ → मध्य प्रदेश → महाराष्ट्र → गोवा → कर्नाटक → केरल → तमिलनाडु → आंध्र प्रदेश → तेलंगाना → राजस्थान → गुजरात → दिल्ली
3. वाहन की तैयारी
हमने SUV का चयन किया जिसमें पर्याप्त स्पेस और ऑफ-रोडिंग क्षमता हो। कार को सर्विस कराना, नए टायर लगवाना, स्पेयर टायर, औजार, इंजन ऑयल, फर्स्ट एड किट, पावर बैंक, मोबाइल होल्डर, माउंटेड कैमरा आदि की व्यवस्था पहले ही कर ली गई थी।
4. जरूरी कागज़ात
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गाड़ी के सारे दस्तावेज (RC, इंश्योरेंस, पॉल्यूशन)
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ड्राइविंग लाइसेंस
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आधार कार्ड/पैन कार्ड
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FASTag
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कुछ राज्यों के लिए COVID वैक्सीन सर्टिफिकेट या एंट्री परमिट
यात्रा के प्रमुख पड़ाव और अनुभव
1. उत्तर भारत की शुरुआत
दिल्ली से अमृतसर:
पहली यात्रा दिल्ली से अमृतसर की थी। स्वर्ण मंदिर का शांतिपूर्ण वातावरण और वाघा बॉर्डर की देशभक्ति से भरपूर परेड से यात्रा का जोश दोगुना हो गया।
कश्मीर की वादियाँ:
डल झील में शिकारा की सवारी, गुलमर्ग की बर्फ, और पहलगाम की वादियाँ — गाड़ी में चलते हुए हर मोड़ पर प्रकृति की पेंटिंग जैसी दृश्य दिखाई दिए।
हिमाचल और उत्तराखंड:
मनाली, स्पीति वैली, ऋषिकेश और औली जैसे हिल स्टेशन, जहां ठंडी हवा और पहाड़ों का जादू मन मोह लेता है।
2. पूरब की ओर
बिहार और झारखंड:
राजगीर और नालंदा की ऐतिहासिक जगहों के साथ-साथ रांची के झरने और जंगल यात्रा का हिस्सा बनी।
पश्चिम बंगाल और सिक्किम:
कोलकाता की हावड़ा ब्रिज और रसगुल्ले, और फिर सिक्किम की पहाड़ियों में स्थित गंगटोक – शांत, स्वच्छ और व्यवस्थित। नाथुला पास की यात्रा रोमांचक और ठंडी थी।
नॉर्थ-ईस्ट इंडिया:
सात बहनों (North East States) की यात्रा में असम की चाय बगान, मेघालय के लिविंग रूट ब्रिज, अरुणाचल का तवांग और नागालैंड के होर्नबिल फेस्टिवल की सांस्कृतिक विविधता दिल को छू गई।
3. मध्य भारत की धड़कन
ओडिशा और छत्तीसगढ़:
पुरी का जगन्नाथ मंदिर, कोणार्क का सूर्य मंदिर और फिर बस्तर के जंगलों में स्थानीय जनजातियों के दर्शन एक अलग ही अनुभव थे।
मध्य प्रदेश:
खजुराहो के मंदिर, कान्हा और बांधवगढ़ के जंगल सफारी और ओरछा की शांति ने आत्मा को तृप्त कर दिया।
4. पश्चिम की रफ्तार
महाराष्ट्र:
मुंबई के समुद्र किनारे, लोनावला की घाटियाँ, और औरंगाबाद के अजंता-एलोरा गुफाएँ मन मोह लेती हैं।
गोवा:
थोड़े विश्राम का समय था। गोवा के बीचेस, कसीनो और नाइटलाइफ़ ने यात्रियों में नई ऊर्जा भर दी।
राजस्थान और गुजरात:
जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, और जैसलमेर की राजसी हवेलियाँ और रेगिस्तान, फिर कच्छ का रण और द्वारका के मंदिर — संस्कृति और इतिहास से भरपूर।
5. दक्षिण भारत का सौंदर्य
कर्नाटक:
हम्पी के खंडहर, मैसूर का राजमहल, और कूर्ग की कॉफी – एक साथ रोमांच और आराम।
केरल:
“God's Own Country” सही में नाम के मुताबिक है। बैकवाटर में हाउसबोट यात्रा, मुन्नार की चाय बगान, और आयुर्वेदिक मसाज ने थकान उतार दी।
तमिलनाडु:
मदुरै का मीनाक्षी मंदिर, महाबलीपुरम की मूर्तियाँ और चेन्नई का मरीना बीच – हर स्थान अपनी एक कहानी कहता है।
आंध्र और तेलंगाना:
विशाखापट्टनम के समुद्र तट और हैदराबाद की बिरयानी – यात्रा के अंत की ओर स्वाद और सौंदर्य का मिलाजुला अनुभव।
चुनौतियाँ और समाधान
1. मौसम की मार
कहीं तेज़ बारिश, कहीं बर्फबारी — मौसम ने बार-बार रास्ता रोका। हमने हर जगह के वेदर अपडेट्स पहले देखे और उसी अनुसार रूट बदलते रहे।
2. खराब सड़कें और ट्रैफ़िक
कुछ इलाकों में सड़कें बहुत ही खराब थीं, जैसे मणिपुर के अंदरूनी रास्ते। SUV होने से हमें ज़्यादा परेशानी नहीं हुई, लेकिन स्पीड धीमी रखनी पड़ी।
3. नेटवर्क की दिक्कत
पूर्वोत्तर और पहाड़ी इलाकों में नेटवर्क की समस्या रही। हमने ऑफलाइन मैप और प्री-डाउनलोडेड जानकारी साथ रखी।
4. खाने-पीने में विविधता
हर राज्य का खाना अलग — लेकिन यहीं मज़ा भी था। हाइजीनिक खाने के लिए कभी-कभी होमस्टे या ऐप्स से पहले बुकिंग कर लेते थे।
सुझाव और टिप्स
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समय का कुशल प्रबंधन:
हर जगह ज़्यादा दिन रुकने की बजाय प्लान बना लें कि कहाँ कितनी देर रुकना है। -
स्थानीय लोगों से बातचीत करें:
वे आपको छुपे रत्न (Hidden Gems) बता सकते हैं जो टूरिस्ट गाइड्स में नहीं होते। -
सुरक्षा:
रात में लंबी दूरी की ड्राइविंग न करें। सुनसान जगहों पर अकेले न रुकें। -
डिजिटल पेमेंट और कैश दोनों रखें:
हर जगह UPI नहीं चलता, खासकर दूर-दराज़ के गाँवों में। -
कार की समय-समय पर सर्विसिंग करवाते रहें।
समापन
कार से ऑल इंडिया टूर सिर्फ एक यात्रा नहीं होती — यह जीवन भर का अनुभव होता है। यह आपको न केवल भारत की भौगोलिक विविधता से परिचित कराता है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी समृद्ध करता है। हर दिन, हर मोड़ पर नया रोमांच, नया नज़ारा और नई कहानी आपका इंतजार करती है।
यदि आपके पास समय, उत्साह और एक अच्छा वाहन है, तो ज़रूर एक बार अपने देश को अपनी कार से देखिए। हो सकता है कि रास्ते में आप खुद को भी थोड़ा और बेहतर जान पाएं।
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